Monika garg

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लेखनी कहानी -12-Apr-2022 शोर्ट स्टोरी लेखन # तलाक

लगा था ।सुमी को याद था उसने शादी के बंधन मे बंधने से पहले यही पूछा था ,"आप शराब तो नही पीते ?" 
   सोहन ने ना कर दी थी ।अब जब सुमी उसे शराब के नशे मे देखती तो उसे खीज लगती। इसी तरह सुमी घर के काम मे माहिर नही थी कुछ ना कुछ गलती हो ही जाती थी उससे जिससे सोहन को खीज मचती थी।धीरे धीरे झगड़े बढ़ने लगे।एक दिन सोहन शराब के नशे मे आया तो सब्जी मे नमक तेज होने के कारण सुमी पर बरस पड़ा "तुम्हें कुछ नही आता ।पता नही सारा दिन कया आवारागर्दी करती रहती हो यूं नही कि कुछ बनाना सीख लूं।"
   सुमी भी कहां पीछे हटने वाली थी उसने भी कह दिया ,"तुम दहेज के लोभी हो मेरे पिताजी के पैसों के आगे अपनी सारी कमियां छुपा गये।" बात इतनी बढ़ गयी कि सुमी अटैची उठा कर मायके आ गयी और भाई भाभी ने तलाक के कागज भेज दिए सोहन के पास।उधर सोहन ने भी गुस्से मे आकर दस्तखत करके पेपर कोर्ट मे जमा करा दिए ।आज फैसले का दिन था।जैसे जैसे कोर्ट नजदीक आती जा रही थी दोनों के दिल की धड़कन तेज हो रही थी।सुमी भी सोच रही थी कि मैने ऐसे ही सोहन पर दहेज के लोभी होने का लांछन लगाया अगर उसे पैसों का लोभ होता तो वो कागजों पर दस्तखत नही करता ।वैसे कितना प्यार करता था सोहन उससे ।उसी ने तो डूबने से बचाया था उसे अपनी जान पर खेलकर तभी वह दीवानी हो गयी थी सोहन की ।मै कैसे रहूंगी सोहन के बगैर । यही सोचते सोचते सुमी की आंखों मे पानी आ गया।
   उधर सोहन भी सोच रहा था कितना प्यार करती है वो मुझ से मै रात को कितना भी लेट हो जाता था मेरे बगैर खाना नही खाती थी वह ।बीमार होने पर सारी सारी रात सेवा मे लगी रहती थी अब इस तरीक़े से कौन ख्याल रखेगा उसका ।ये सोचकर सोहन की आंखों मे भी पानी आ गया । दोनों जब अपनी अपनी गाड़ी से उतरे तो दोनों के चेहरे आंसुओं से भीगे हुए थे।
   दोनों एक दूसरे को लगातार देखे जा रहे थे।जिसे सुमी के भाई ने और सोहन के पिता ने भांप लिया और वे दोनों थोड़ी देर के लिए अपनी अपनी पत्नी को लेकर एक तरफ हो गये ।सुमी और सोहन एक बेंच पर बैठे थे । दोनों काफी समय तक चुप रहे सहसा दोनों इकट्ठे ही बोल पड़े "मुझे माफ कर दो।"बस सब्र का बांध टूट गया ।छह महीने अलग रह कर जो उन्होंने अपना वैचारिक मंथन किया था उसका परिणाम सामने आ गया । दोनों ने तलाक के कागजों को फ़ाड़ कर फिर से जिंदगी की एक नयी शुरुआत का मन बना लिया था ।दो पंछी लौट चले थे अपने पुराने घरोंदे को आशियाना बनाने के लिए।

जोनर# प्रेरक
   
  

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7 Comments

Rohan Nanda

04-May-2022 06:38 PM

Bahut khoob

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Abhinav ji

28-Apr-2022 09:43 PM

Nice👍

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Gunjan Kamal

22-Apr-2022 10:05 PM

बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति 👌👌

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Monika garg

23-Apr-2022 08:10 AM

धन्यवाद

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